का. शालिनी
को बदली हुई कीमोथिेरेपी के पहले चक्र की चौथी डोज़ 21 फरवरी को धर्मशिला अस्पताल
में दी गई। उन्हें उल्टियों की शिकायत के कारण अभी तरल आहार ही दिया जा रहा है। उनका
इलाज कर रहे डॉक्टर अनीश मारू के अनुसार कीमो के असर से अभी 2-3 दिन उल्टियों की परेशानी
रहेगी। 7 मार्च को कीमोथिरेपी के अगले चक्र के लिए उन्हें फिर अस्पताल जाना है। उनकी
होम्योपैथी चिकित्सा जारी है और फ्रूट थिरेपी का एक हिस्सा (तरल लेने वाला) फिर शुरू
किया गया है। इस बीच आईं शालिनी की मेडिकल रिपोर्टें दिल्ली, मुंबई और बाहर के उन सभी डॉक्टरों के पास भेजी
गई हैं जिनसे हम शुरू से राय लेते रहे हैं। एलोपैथिक चिकित्सा के क्षेत्र में सभी
डॉक्टरों ने अब तक हमें यही राय दी है कि धर्मशिला अस्पताल में चल रहा इलाज बिल्कुल
सही है और ऐसी स्थिति में अन्यत्र कहीं भी यही इलाज होगा। फिर भी, तीसरी कीमोथिरेपी के बाद हम दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के संस्थानों में जाकर डॉक्टरों
की राय लेंगे। वैकल्पिक चिकित्सा के संबंध में हमें बहुत से मित्रों ने सुझाव भेजे
हैं। अनुभवी मित्रों के परामर्श से यदि उनमें
से किसी को साथ-साथ चलाया जा सकता है, तो हम उसे भी शुरू करेंगे।
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