हम लड़े हैं साथी
उदास मौसम के खि़लाफ़
हम लड़े हैं साथी
एक नयी राह बनाते हुए, प्रतिकूल हवाओं
के ख़िलाफ़
हम लड़े हैं साथी
उखड़े तम्बुओं वालों की घिनौनी तोहमतों के ख़िलाफ़
हम लड़े हैं साथी,
मौत पर राजनीति करने वाले
गिद्धों के ख़िलाफ़
हम लड़े हैं साथी
उल्टे पैर घर लौटती दुनियादारी के ख़िलाफ़
सीलन भरे अँधेरे के ख़िलाफ़,
वैचारिक प्रदूषण और दिखावटी प्रतिबद्धता के ख़िलाफ़।
और अब, हम लड़ेंगे साथी
मौत की चुनौती के ख़िलाफ़,
षड्यंत्ररत मृतात्माओं के ख़िलाफ़।
हम लड़ेंगे
कि ज़िन्दगी ठहरी नहीं रहेगी।
हम लड़ेंगे
कि अभी बहुत सारे मोर्चे खुले हुए हैं
जूझने और जीतने को।
हम लड़ेंगे
पीड़ा और यंत्रणा के ख़िलाफ़
हम लड़ेंगे
सच्चे ज़िन्दा लोगों की तरह
क्योंकि उम्मीद एक ज़िन्दा शब्द है।
उदास मौसम के खि़लाफ़
हम लड़े हैं साथी
एक नयी राह बनाते हुए, प्रतिकूल हवाओं
के ख़िलाफ़
हम लड़े हैं साथी
उखड़े तम्बुओं वालों की घिनौनी तोहमतों के ख़िलाफ़
हम लड़े हैं साथी,
मौत पर राजनीति करने वाले
गिद्धों के ख़िलाफ़
हम लड़े हैं साथी
उल्टे पैर घर लौटती दुनियादारी के ख़िलाफ़
सीलन भरे अँधेरे के ख़िलाफ़,
वैचारिक प्रदूषण और दिखावटी प्रतिबद्धता के ख़िलाफ़।
और अब, हम लड़ेंगे साथी
मौत की चुनौती के ख़िलाफ़,
षड्यंत्ररत मृतात्माओं के ख़िलाफ़।
हम लड़ेंगे
कि ज़िन्दगी ठहरी नहीं रहेगी।
हम लड़ेंगे
कि अभी बहुत सारे मोर्चे खुले हुए हैं
जूझने और जीतने को।
हम लड़ेंगे
पीड़ा और यंत्रणा के ख़िलाफ़
हम लड़ेंगे
सच्चे ज़िन्दा लोगों की तरह
क्योंकि उम्मीद एक ज़िन्दा शब्द है।
- कविता कृष्णपल्लवी
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